माधवपुर


स्थान जो प्रकृति के समीप होता या दिखता है, लुभाता है। शायद एक मोबाइल घर होना चाहिये जिसपर जहां मन हो पार्क कर महीना दो महीना रहा जाये, फिर वहां से निकल कर कहीं और! जॉन स्टाइनबैक के “ट्रेवल्स विथ चार्ली” की तरह।

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