रत्नावली शक्तिपीठ


यहां एक नहीं, दो रत्नावली शक्तिपीठ मंदिर मिले प्रेमसागर को। एक पुराना और एक नया। एक ही देवी के दो मंदिर और दो विग्रह। बंगाल में बहुत खींचतान है माता के ऊपर अपना कब्जा करने की।

दक्षिणेश्वर से भ्रामरी मेलाई चण्डी शक्तिपीठ


बंगाल के मंदिर आगंतुक पदयात्री को रात बिताने को जगह नहीं देते; यह जानना अच्छा नहीं लगा। बंगला संस्कृति की उदात्तता की खूब बात होती है। पर वह शायद मात्र बांगला भाषियों के लिये ही है। बंगाल को भारत के सभी हिस्सों के लिये खुलना चाहिये।

कलकत्ता में प्रेमसागर


रमाशंकर जी ने ओप्पो का नया मोबाइल उपहार में दे दिया खरीद कर। मगन हैं प्रेमसागर। गुंताड़ा लगाने में व्यस्त हो गये। “नया मोबाइल ज्यादा बड़े साइज की फोटो खींचता है भईया। पुराने मोबाइल से फलां फलां काम लूंगा और नये वाले से फलां फलां।”

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