“भईया मन डिस्टर्ब हो गया। एक बार फिर मंदिर में गया। बोला – माँ मोबाइल चाहिये था, तो वैसे ही आदेश करतीं। मैं दे ही देता। पर यह तरीका तो ठीक नहीं लगा। भईया पण्डा लोग मेरा यह कहने पर हंस रहे थे। पर मेरे मन में जो था, मैं वही कह रहा था…”
Tag Archives: Shaktipith
गगरेट – पंजाब से हिमांचल
पंजाब की सीमा और हिमांचल का स्वागत बोर्ड दिखता है। उसके साथ ही घुमावदार रास्ते बढ़ने लगते हैं। चीड़ के वृक्ष हैं, जिन्हें मैं पहचानता हूं।
मुझे फिर एक मौका मिले तो उस घर में रहना चाहूंगा जिसमें चीड़ हो।
होशियारपुर – दरगाह के बाहर खुले में रात
खुले जगह थी और वहां मच्छरों का साम्राज्य था। प्रेमसागर के पास मच्छर अगरबत्ती थी, दो अगरबत्ती जलाई पर खुले में वह प्रभावी नहीं थी। वह तो देर रात गार्ड आया। “उसने मच्छरदानी लगा दिया तो दो घण्टा सो लिये हम।”
