अपने काम और आमदनी से असंतुष्ट नहीं दिखे लक्ष्मीकांत। “रोटी-खर्चा का इंतजाम हो जाता है।” पर वे आगे बढ़ने के बारे में सजग हैं। ड्राइंग टीचर की भर्ती के लिये तैयारी कर रहे हैं। आशा है उन्हें कि नौकरी मिल ही जायेगी।
मैं, ज्ञानदत्त पाण्डेय, गाँव विक्रमपुर, जिला भदोही, उत्तरप्रदेश (भारत) में ग्रामीण जीवन जी रहा हूँ। मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर रेलवे अफसर। वैसे; ट्रेन के सैलून को छोड़ने के बाद गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलने में कठिनाई नहीं हुई। 😊
अपने काम और आमदनी से असंतुष्ट नहीं दिखे लक्ष्मीकांत। “रोटी-खर्चा का इंतजाम हो जाता है।” पर वे आगे बढ़ने के बारे में सजग हैं। ड्राइंग टीचर की भर्ती के लिये तैयारी कर रहे हैं। आशा है उन्हें कि नौकरी मिल ही जायेगी।