किसी ने उन्हें सूचना दी कि वाराही माता का मंदिर सवेरे तीन से पांच बजे ही खुलता है। सो प्रेमसागर लगता है सोये ही नहीं। दो बजे रात में उठ कर जब मंदिर पर पंहुचे तो पता चला कि मंदिर सवेरे साढ़े सात से साढ़े नौ बजे तक खुलता है।
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
किसी ने उन्हें सूचना दी कि वाराही माता का मंदिर सवेरे तीन से पांच बजे ही खुलता है। सो प्रेमसागर लगता है सोये ही नहीं। दो बजे रात में उठ कर जब मंदिर पर पंहुचे तो पता चला कि मंदिर सवेरे साढ़े सात से साढ़े नौ बजे तक खुलता है।