वाराही, विशालाक्षी, विश्वनाथ और वाराणसी


किसी ने उन्हें सूचना दी कि वाराही माता का मंदिर सवेरे तीन से पांच बजे ही खुलता है। सो प्रेमसागर लगता है सोये ही नहीं। दो बजे रात में उठ कर जब मंदिर पर पंहुचे तो पता चला कि मंदिर सवेरे साढ़े सात से साढ़े नौ बजे तक खुलता है।

प्रेम पाण्डेय, कांवरिया का फोन आया


आज दोपहर में उनका फोन लगा पर कोई उत्तर नहीं मिला। मैंने दो बार कोशिश की। अचानक उनका फोन आया। बताया कि वे बनारस में ही विश्वनाथ मंदिर के पास किसी गेस्ट हाउस में हैं। जब मेरा फोन आ रहा था, तो वे थक कर सो रहे थे।

प्रेम पाण्डेय, विलक्षण काँवरिया


उन सज्जन के प्रति, भगवान शिव के प्रति और हिंदुत्व के प्रति गहन श्रद्धा उमड़ आयी! इतने सारे सेकुलर विद्वता ठेलते बुद्धिजीवियों को ठेंगे पर रखने का मन हो आया। मैंने साइकिल किनारे खड़ी कर प्रेम पाण्डेय को स्नेह और श्रद्धा से गले लगा लिया! श्रावण बीत गया है। भादौं लगे एक सप्ताह हो गयाContinue reading “प्रेम पाण्डेय, विलक्षण काँवरिया”