क्या केवल जुनून काफी है जीने के लिये?


एक उमर थी जब इब्ने सफी, बी.ए. की जासूसी दुनियां सबेरे पहले पीरियड में शुरू करते थे और तीसरे पीरियड तक खतम हो जाती थी. किराये वाली दुकान से आधी छुट्टी में दूसरी लाते थे और स्कूल से लौटते समय तक वह भी समाप्त हो जाती थी. सातवीं-आठवीं कक्षा में जुनून था जासूसी उपन्यास का.Continue reading “क्या केवल जुनून काफी है जीने के लिये?”

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