अजित (शब्दचौधरी अजित वडनेरकर) ने टिप्पणी कर फोटो में केप्शन लगाने की तकनीक पूछी है।
| ज्ञानदत्त पाण्डेय वे ब्लॉगर हैं, जो हिन्दी के शब्द खोजते पाये जाते हैं और न मिलने पर बिना-शर्म अंग्रेजी ठूंस देते हैं! |
आप टेबल को राइट, लेफ्ट या सेण्टर एलाइन (Align) भी कर सकते हैं – फार्मेट (Format) में उपलब्ध विकल्पों से। आप टेबल की मोटाई आदि भी सेट कर सकते हैं अन्यथा टेबल बॉर्डर को अदृष्य भी कर सकते हैं। मैने ऊपर टेबल सेण्टर एलाइन और बॉर्डर अदृष्य कर रखा है।
बाकी जद्दोजहद आप करें। उससे आप और बेहतर फॉर्मेटिंग कर पायेंगे!
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मेरी रविवार को छपी पोस्ट जो शायद आपने न पढ़ी हो: प्रसन्न खानाबदोशों का एक झुण्ड।
विजयदशमी की शाम को कल नीरज रोहिल्ला (अंतर्ध्वनि ब्लॉग वाले) और उनके मित्र अंकुर मिलने घर पर आये। ह्यूस्टन, टेक्सास से कोई सज्जन ऑब्स्क्योर सी जगह शिवकुटी, इलाहाबाद में मुझसे मिलने आये – यह मेरे और मेरे परिवार के लिये बहुत प्रसन्नता दायक था। दुनियाँ के समतल होते जाने पर हम लोगों ने बहुत आस्था जताई। आप नीरज (दायें) और अंकुर का मेरे घर पर लिया चित्र देखें।
नीरज ने मुझे वैकल्पिक ईन्धन के रूप में गैस हाइड्रेट्स के बारे में जानकारी दी। उसपर मैं आगे पढूंगा और बन पड़ा तो एक-आध पोस्ट ठेलूंगा! मुझे मालूम नहीं कि पंकज अवधिया जी के इसके पर्यावरणीय प्रभाव पर पहले ही कुछ विचार बन चुके हैं या नहीं।

वाह जी वाह!!फिर तकनीकी आधारित पोस्ट!!!!वैसे पता नहीं क्यों कई बार बहुत सारे प्लगइन लगा कर कोशिश की विन्डोज़ लाइव राईटर से लिखने की????पर चूँकि मैं फोनेटिक इस्तेमाल करता हूँ सो उसका कोई प्लगइन अब तक नहीं मिला !!क्या कोई जुगाड़ हमारी समस्या का!!!वैसे आज कल में अपनी समस्या को ब्लॉग मदद में चेंपता हूँ |आप कहे नहीं वहां ट्यूटर बन जाते??
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ज्ञानदा, बहुत बहुत धन्यवाद। आज हमने फिर मन लगा कर इस पोस्ट को पढ़ा। दिए गए ऑप्शंस को समझा फिर राइटर में जाकर उसे परखा । अब एकाध पोस्ट इसके जरिये डालते हैं। क्या टेस्ट ब्लाग पर लाइव राइटर के जरिये पोस्ट पब्लिश नहीं की जा सकती है ? अभी जो राइटर है वो तो शब्दों के सफर से जुड़ा हुआ है।
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ज्ञानवर्धक पोस्ट…..शुक्रिया .
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ज्ञानदत्तजी,बातों के चक्कर में हम आपको इलाहाबाद का चक्कर लगवाना तो भूल ही गये, चलिये इस पर फ़िर कभी चर्चा होगी ।दूसरा आपने हमारा फ़ोटो कब कब में उतार लिया था, हमें तो पता भी नहीं चला, लगता है किसी हिडैन कैमरे का कमाल था :-)आज ही अपने घर वापिस आये हैं अब थोडा आराम करेंगे । इंटरनेट चालू हो गया है, अब ब्लालिंग चलती रहेगी ।
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ज्ञानदा, सच्ची मुच्ची की माफी मांग रहा हूं। पहले तो हमने ही आपको उकसाया कि तकनीक बताओ ? और जब बता दी तो आभार जतानेवाला ही गायब…क्या करें हम ब्लागस्पाट के ब्लाग देख नहीं पाते अपने पीसी पर । सुधरवाने का टाइम नहीं मिल पा रहा। वैसे ज्ञानदा हम अभिभूत हो गए हैं आपकी त्वरित मदद का माद्दा देखकर और तकनीकी ज्ञान देखकर । अब ये विंड़ोज़ लाइव राइटर तो एकदम ही नई ची़ज़ है हमारे लिए। देखते हैं कैसे उपयोग कर पाते हैं। प्रयास करता हूं। आप रेलवे में ज़रूर हैं मगर आपकी साख मेरे मन में बहुत मज़बूत हो चुकी है :)शुक्रिया एक बार फिर ..
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