तिब्बत : कुछ खास नहीं दिखता हिन्दी ब्लॉगजगत में


मेरी गली में छोटा पिल्ला है। इसी सर्दियों की पैदाइश। जाने कैसे खुजली का रोग हो गया है। बाल झड़ते जा रहे हैं। अपने पिछले पंजों से खुजली करता रहता है। मरगिल्ला है। भरतलाल ने उसे एक दया कर एक डबल रोटी का टुकड़ा दे दिया। मैने देखा कि खुजली से वह इतना परेशान था कि ठीक से डबलरोटी खा नहीं पा रहा था। खुजली ही करता रह गया। डबलरोटी अधखाई रह गयी।

ब्लॉगिंग के लिये तिब्बत एक ज्वलंत मुद्दा था। थियान्मन स्क्वेयर का ड्रेगन दबेड़े जा रहा है तिब्बत को। सुना है सैंकड़ों मरे हैं। वैसे चीन के बारे में आगे एक दो बिन्दी और लगाई जा सकती है – कौन जाने कितने मारे उन्होने। दुनियां भर के ब्लॉगर्स से अपेक्षा की जाती है कि इस नयी विधा के माध्यम से ड्रेगन को चैलेंज किया जा सकता है।

पर हिन्दी ब्लॉगरी अपने आप को खुजलाने में व्यस्त है। तिब्बत के मुद्दे की डबल रोटी लगभग अनछुई रह गयी है। वैसे भी हिन्दी ब्लॉगरी में बड़ा वर्ग ड्रेगन-ब्रिगेड वाला है जो चीन को तो इस मुद्दे पर कुछ कहने वाला नहीं। तरफदारी अलग कर सकता है चीन की। उनके अलावा, जितनी पोस्टें एक अप्रेल के मुद्दे पर थीं, उसकी एक तिहाई भी तिब्बत के समर्थन में नहीं थीं।

बालकिशन जी ने एक पोस्ट तिब्बत विषयक लिखी थी – “आपका नाम भी मूक बधिर रजिस्टर में लिख दूं“। सर्च करने पर उदय प्रकाश जी की एक कविता मिली उनके ब्लॉग पर तिब्बत विषयक – अतीत का वर्तमान। और कुछ खास नहीं। जो भी बाकी था, वह खबरों की पूअर कॉपी भर था।

हिन्दी ब्लॉगरी अभी ज्यादा नहीं जाती ऐसे मुद्दों पर। “हा हा ही ही हे है” वाले विषय प्रधान हैं। या परस्पर जूतमपैजार के! क्या हिन्दी ब्लॉगरी को बचपन में ही पिल्ले वाली खुजली हो गयी है?


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

18 thoughts on “तिब्बत : कुछ खास नहीं दिखता हिन्दी ब्लॉगजगत में

  1. ज्ञानदत्त जी आप कौन सी ब्रिगेड वाले हैं। मोहल्ला की फिलीस्तीन ब्रिगेड की तरह आपने तिब्बत ब्रिगेड बना ली है क्य? भारत की तरक्की और तिब्बत की दुर्दशा को लेकर आपका असंदिग्ध विश्वास वाकई दिलचस्प है..।

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  2. मुद्दा उठाने और शुरुआत के लिए आप बधाई के पात्र हैं ज्ञानजी. लीजिये तिब्बत को लेकर काफ़ी कुछ तो आपकी पोस्ट पर आई टिप्पणियों में ही लिखा जा चुका है.

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  3. ज्ञानदत्त बाबू जी,मेरे को टू यह लगता है की हिन्दुस्तान में इतनी समस्या बिखरी पड़ी है की अगर उस पर सभी ब्लोगर लिखने लगें तो परिवर्तन की थोरी गुंजाइश बनती दिखेगी,वेवाजाह इब्बत-तिब्बत पर दिमाग काहे का ख़राब करें.मुझे तो ऐसा लगा आप लोग बड़े ब्लोगर हैं,आपकी सोच बड़ी हो सकती है.

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  4. ह्म्म, प्रभो, तिब्बत जैसे मसले पर लिखने के लिए पढ़ना होगा तथ्यों की जानकारी के लिए और पढ़कर तथ्यपरक लिखने वाले आखिर हैं कितने यहां। गिने चुने ही न, जिन्हे हम बौद्धिक कहते हैं!!भई यहां तो ज्यादातर सिर्फ़ अपनी बौद्धिक(?) जुगाली के लिए बस हैं, बतौर उदाहरण हमीं को ले लीजिए!!

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  5. ब्लॉगर ही क्यों इस पूरे देश ने तिब्बत से पल्ला झाड़ा है….शायद तिब्बत के नाम से कोई प्रगतिशील या धर्म निरपेक्षता वाला फायदा नहीं दिखता…

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