अशोक पाण्डेय, उत्कृष्टता, खेतीबाड़ी और दोषदर्शन


मैं सामान्यत: एक पत्रकार के विषय में नहीं लिखना/टिप्पणी करना चाहूंगा। किसी जमाने में बी.जी. वर्गीश, प्रभाष जोशी और अरुण शौरी का प्रशंसक था। अब पत्रकारिता पर उस स्तर की श्रद्धा नहीं रही। पर आज मैं एक पत्रकार के बारे में लिख रहा हूं। अशोक पाण्डेय (इस लिये नहीं कि यह सज्जन पाण्डेय हैं) केContinue reading “अशोक पाण्डेय, उत्कृष्टता, खेतीबाड़ी और दोषदर्शन”

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