मिडलाइफ क्राइसिस और ब्लॉगिंग


मुझे पीटर ड्रकर का “मैनेजिंग वनसेल्फ” (Managing Oneself) नामक महत्वपूर्ण लेख बारम्बार याद आता है। आप इस हाइपर लिंक के माध्यम से यह लेख डाउनलोड कर सकते हैं। पर डाउनलोड करने से ज्यादा महत्वपूर्ण उस लेख को पढ़ना है। मैं यहां यही कहना चाहता हूं कि अगर आपको सेकेण्ड कैरियर के लिये सप्ताह में १०-१२Continue reading “मिडलाइफ क्राइसिस और ब्लॉगिंग”

सोंइस


कल पहाड़ों के बारे में पढ़ा तो बरबस मुझे अपने बचपन की गंगा जी याद आ गयीं। कनिगड़ा के घाट (मेरे गांव के नजदीक का घाट) पर गंगाजी में बहुत पानी होता था और उसमें काले – भूरे रंग की सोंइस छप्प – छप्प करती थीं। लोगों के पास नहीं आती थीं। पर होती बहुतContinue reading “सोंइस”

संकठा प्रसाद लौट आये हैं


आजकल मौसम सुहाना हो गया है। मेरी सासू मां ने सवेरे की पूजा और शंखद्वनि के बाद सैर पर जाना शुरू कर दिया है। लोगों से बतियाती घर में घुसती हैं सैर के बाद। और कोई न कोई खबर ले कर आती हैं। श्रीमती रीता पाण्डेय की; फुरसतिया सुकुल के उकसाने पर, तुरत-फुरत लिखी एकContinue reading “संकठा प्रसाद लौट आये हैं”

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