मेरा वोटर कार्ड घर में आलमारी में बन्द था और चाभी पत्नीजी ले कर बोकारो गई थीं। लिहाजा मैने (अपने आलस्य को तार्किक रूप देते हुये) तय किया कि वोट डालने नहीं जाना है। यह तेईस अप्रेल की बात है। पर शाम को सवा चार बजे अचानक मन बना वोट डालने का। मैं दफ्तर काContinue reading “वोटानुभव”
