लिबरेशनम् देहि माम!


अद्भुत है हिन्दू धर्म! शिवरात्रि के रतजगे में चूहे को शिव जी के ऊपर चढ़े प्रसाद को कुतरते देख मूलशंकर मूर्तिपूजा विरोधी हो कर स्वामी दयानन्द बन जाते हैं। सत्यार्थप्रकाश के समुल्लासों में मूर्ति पूजकों की बखिया ही नहीं उधेड़ते, वरन गमछा-कुरता-धोती तार तार कर देते हैं। पर मूर्ति पूजक हैं कि अभी तक गोईंगContinue reading “लिबरेशनम् देहि माम!”

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