आज ब्लॉगरी के सेमीनार से लौटा तो पत्नीजी गंगा किनारे ले गयीं छठ का मनाया जाना देखने। और क्या मनमोहक दृष्य थे, यद्यपि पूजा समाप्त हो गयी थी और लोग लौटने लगे थे।
चित्र देखिये:
तट का विहंगम दृष्य:
घाट पर कीर्तन करती स्त्रियां:
घाट पर पूजा:
सूप में पूजा सामग्री:
लौटते लोग: