मेरा वाहन चालक यहां से एक-सवा घण्टे की दूरी से सवेरे अपने गांव से आता है। देर रात को वापस लौटता है। लगता है अगर काम उसको जम जायेगा तो यहीं इलाहाबाद में डेरा जमायेगा। वह प्रथम पीढ़ी का प्रव्रजक होगा। इस शहर में और अन्य शहरों में भी पिछले पचीस तीस साल में गांवोंContinue reading “उत्क्रमित प्रव्रजन”
