नारायण दत्त तिवारी का इस्तीफा

ND Tiwari यह नाराण दत्त तिवारी का मामला मेरी समझ के परे है।

ताजा समाचार के अनुसार, उन्होंने अपना त्यागपत्र दे दिया है।

८६ की आयु में क्या कोई मर्द ऐसी मर्दानगी का प्रदर्शन कर सकता है?

एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन तीन महिलाओं के साथ बिस्तर पर लेटे लेटे रति-क्रीडा करने की क्षमता रख सकता है?

क्या ये महिलाएं उनकी पोतियाँ के बराबर नहीं होंगी?

भारतीय परंपरा को ध्यान में रखते हुए क्या हम तिवारी जी के बारे में ऐसा सोच भी सकते है?

मेरा मानना है कि इस उम्र पहुँचते पहुँचते हम इन प्रवृत्तियों को पीछे छोड़ जाते हैं

 Vishwanath in 2008 यह पोस्ट श्री गोपालकृष्ण विश्वनाथ की अतिथि पोस्ट है।

क्या यह कोई राजनैतिक षडयन्त्र  है?

जरा टाइमिंग पर ध्यान दीजिए।

आन्ध्र प्रदेश वैसे भी जल रहा है। तेलंगाना अभियान ने राज्य को चीर दिया है।

सरकार पर और दबाव डालने के लिए क्या यह किसी की साजिश है?

क्या कोइ राज भवन जैसी सुरक्षित स्थान में ही घुसकर ऐसा स्टिंग ऑपरेशन कर सकता है?

तिवारी जी एक जाने माने और अनुभवी राजनैतिक भी हैं।

क्या वे ऐसी मूर्खता वाली हरकत कर सकते हैं?

ऐसी हरकत को कैसे कोई गुप्त रख सकता है?

क्या राज भवन के कर्मचारी यह भाँप नहीं सकते की क्या हो रहा है?

यह कैसे संभव है कि कोई राज्य पाल के शयन कक्ष में घुसकर एक ऐसा कैमरा लगा दे और एंगल  भी ऐसा एडजस्ट कर दे कि सब कुछ रिकॉर्ड हो जाए?

ऐसा स्टिंग ऑपरेशन मेरे विचार में संभव ही नहीं।

सब जानते हैं कि तसवीरें एडिट की जा सकती हैं और किसी का भी चेहरा किसी और की बदन के साथ जोडा जा सकता है और सक्षम एडिटिंग की सहायता से कुछ भी संभव है।

पर फ़िर भी:

कभी यह भी सोचता हूँ कि क्या मैं बेवकूफ़ हूँ?

क्या तिवारी जी का निजी जीवन ऐसा ही रहा है जो कुछ ही लोग जानते हैं और हम दक्षिण भारत के लोगों को कानों कान पता ही नही?

क्या ऐसे भी मर्द होते हैं जो इस उम्र में भी ऐसी क्षमताएं रख सकते है?

बिल क्लिन्टन का उदाहरण हम सब के पास है
पर क्लिन्टन तो केवल ६० के थे और महिला केवल एक

अगर यह बात सच है तो इसे विश्व में एक नया कीर्तिमान समझा जाए!

तिवारी जी का मैं बडा आदर करता था और अब भी करता हूँ

ईश्वर करे यह सब गलत हो।

पिछली बार जब मैं इस दुविधा में पड़ा था, मामला कान्ची शंकराचार्य पर लगा हत्या का आरोप था।

औरों के क्या विचार है?

शुभकामनाएं

जी विश्वनाथ, जे पी नगर, बेंगळूरु


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

37 thoughts on “नारायण दत्त तिवारी का इस्तीफा

  1. किसी पर आरोप नहीं, मगर सेक्सपर्ट कहते है, सेक्स किसी भी आयू में किया जा सकता है. 80 के हो या 85 के. मन के जवान (यहाँ रंगीन-मिजाज) होने की बात है. दुसरी ओर कहा जा रहा है कि किसी महिला ने कन्याएं उपलब्ध करवाई थी और उसी महिला के साथ मिलकर अभियान को अंजाम दिया गया. यानी महिला तिवारी की विशवस्त थी अतः कैमरा लगाना मुश्किल नहीं था.सत्य राम जाने.

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  2. sriman ji, ari narayan datt tiwari sahab uttarpradesh aur uttranchal mein mukhymantri rahe hain . sri tiwari ji jab jab kangress ko chunaav ladvayein hain buri tarike se chunaav mein kangress haari hai. unke kaale kaarnaamo k sambandh mein rajnitik jagat mein charcha lucknow mein aaj bhi hoti rehti hai yah sab hamare aadhunik raja maharaj hain . maharajaon ki jaankaari k liye sir jemini das mantri kapoorthala state ne maharaja kitaab likhi hai padhne yogy hai jara sa usko bhi dekhein rahi baat shadyantr suraksha ya any savaalon ka uska koi arth nahi hai afsosh is baat ka hai ki unke kaarnaamo ki saja bahut baad mein mil rahi hai yah kary bahut pehle hona chahiye tha jisse log sabak lete uttar pradesh ki rajniti mein bahut saare chere paksh aur vipaksh mein unhi k padchinho mein chal rahe hain na ismein koi shadyantr hai na ismein koi bhayanak baat hai aur na ismein koi frod hai yahi inka asli jeevan charitr hai.sadarsuman

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  3. श्री गोपालकृष्ण विश्वनाथ जी ने बहुत उचित प्रश्न उठाये हैं -पूरा मामला निश्चिततः एक षड्यंत्र का हिस्स्सा लगता है -राजभवन में स्टिंग आपरेशन -तारतार होती सुरक्षा ,भाड़े की दुश्चरित्रायें ,जासूसी कैमरा और एक निढाल सा व्यक्ति ! क्या है यह सब ? तिवारी जी बिचारे फस गए!

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  4. मुझे तो किसी षणयंत्र की बू आती है.रही बात मिडिया की, उनको तो मसाला मिला और लगे उछालने:न जाने कितना सच, न जाने कितना झूट!!मिडिया मंत्र बस एक है, लूट सके तो लूट…वैसे भी क्या राज भवन की सुरक्षा इतनी लचर है कि कोई बैडरुम तक पहुँच गया तस्वीर उतारने??विश्वनाथ जी को इतने बाद देखना सुखद रहा, प्रणाम एवं नव वर्ष की शुभकामनाएँ.

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  5. I'm not surprised. ८५ साल की उम्र भी क्या कोई उम्र होती है बूढ़े होने की, वह भी आज के समय में? इस तरह के एक और मिलते-जुलते उदाहरण के लिए यहाँ देखिये: http://www.monstersandcritics.com/news/india/news/article_1309152.php/Rapist_Trinidad_swami_has_a_Nagpur_past?compage=260&comcount=311&comlimit=10

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