कबीर पर जरूरी विजिट

मेरे मित्र श्री सैयद निशात अली ने एल एस.एम.एस. किया है। वह जरूरी है मेरे, आपके, हम सब के लिये।
लिहाजा मैं प्रस्तुत कर देता हूं –

आदरणीय सर जी,
हम आप को और आपके परिवार को बहुत मंगलमय नया वर्ष २०१० एडवान्स में कामना भेजते हैं। यह इस लिये, क्यों कि कबीर दास जी ने कहा था:

काल करे हो आज कर, आज करे सो अब्ब।
क्या भरोसा कल नेट फेल हो गया, तो विश करेगा कब्ब।

मैं तो सिर्फ निशात अली जी की सलाह पर चल रहा हूं। इसी से प्रसन्न हो अगर वे तीन चार डीजल इन्जन दे दें तो कृपा होगी (श्री निशात अली जबलपुर में पश्चिम-मध्य रेलवे के मालगाड़ी चलाने के मालिक हैं)!

अपडेट: और उत्तर रेलवे के एम.जी.एम. (माल गाड़ी मालिक) श्री मनोज श्रीवास्तव ने भी नये साल का जल्दी एस.एम.एस. ठेल कर उसका वाजिब तकनीकी कारण बताया –

क्या पता, एस.एम.एस. के जाम में फंस जाये मैसेज! इस लिये पहले ही दे दिवा के छुट्टी पाई हमने तो!


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

30 thoughts on “कबीर पर जरूरी विजिट

  1. नव वर्ष की शुभकामनाएं शायद हम आपको दे चुके हैं…आज आपकी पिछली पोस्ट्स पढने का बीड़ा उठाया गया है…कबीर से याद आया…अभी दो तारीख़ को मुंबई में शेखर सेन का एकल नाटक 'कबीर' देखा, अगर आपने इसे देखा सुना नहीं है तो समझिये जीवन में बहुत कुछ खो दिया है…कबीर पर इतनी सुन्दर संगीत मय प्रस्तुति किसी करिश्में से कम नहीं है…हो सकता है इसके शो इलाहाबाद में न हुए हों लेकिन इसकी केसेट आप को जरूर मिल जाएगी…गूगल पर शेखर सेन टाईप करिए और जानकारी प्राप्त कीजिये… नीरज

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  2. नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं॥ ग्यान जी आप टिप्प्णिया स्वीकार करे या नही, आज मेरी नजर मे आप और ऊपर हो गये है..सिर्फ़ टिप्प्णिया ही हमारा उद्देश्य कबसे हो गयी..चरित्र भी कुछ होता है..आप ऐसे ही लिखते रहिये, मेरे जैसे नवयुवक हमेशा आपके साथ है..कोटि कोटि प्रणाम..(काफ़ी दिनो बाद गूगल रीडर खोला, और लग रहा है गलती कर दी..मेरा मन भी बडा छुब्ध है..आपकी ४-५ पोस्ट्स की सारे टिप्प्णी यही दे रहा हू..approve नही भी करेगे तो चलेगा बस बात आपतक पहुचानी थी..)

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  3. एसएमएस की विचित्र माया।एक ही मेसेजअनेकों से पायाइसीलिएएसएमएस का रिवाजमुझे नहीं भाया।आपको नव वर्ष की बधाइयॉं और शुभ-कामनाऍं।

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  4. …हा हा हा हा हा…यह भी खूब रही…आप को, और समस्त परिवार को नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.

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