सब के प्रति समान दुर्भावना के साथ (खुशवन्त सिंह का कबाड़ा पंच लाइन) –
By Anonymous on 6:12 AM
बाबा समीरानन्द ji ne Anup ji ki to baja baja diya aur aab agla number apka hi hai.
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हिन्दी भाषियों के लिये अनुवाद –
बेनामी जी की टिप्पणी मसिजीवी के ब्लॉग पर –
बाबा समीरानन्द जी ने अनूप जी का बाजा बजा दिया और अब अगला नम्बर आपका ही है।
Published by Gyan Dutt Pandey
Exploring rural India with a curious lens and a calm heart.
Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges.
Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh.
Writing at - gyandutt.com
— reflections from a life “Beyond Seventy”.
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यानी अब तक बेनामी ने हमें भी किसी लायक ना समझा ! ज्ञान जी बधाई ! आपका नंबर जो आ ही गया !
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हमें बेनामी ने कभी निराश नहीं किया हमारे और परिवार के लोगों के पास ढेरों बेनामी थेक से आते रहे दरअसल बेनामी टिप्पणी हर उस शख्स के पास सदैव आती रही हैं जो अपना पक्ष रखने में गुरेज नहीं करते फिर भी हम तो दोहराएंगे कि बेनामी का बहिष्कार नहीं किया जा सकता/ नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि बेनामी व्यक्ति नहीं प्रवृत्ति है। सिद्धांतत: तमाम उकसावों के बावजूद आज तक एक भी बेनामी टिप्पणी नहीं की क्योंकि जो कहने का मन हो उसे कहने और उसके परिणाम भुगतने का साहस है। पर जो इतना खाली/ दुस्साहसी न हो तथा मुकदमों के पचड़ों में पड़ने के स्थान पर बच्चे पालने और कामकाज देखने को अहमियत देता हो (संदर्भ पंगेबाज) वह क्या करे। कोई नहीं कहता कि बेनामी वीरता है ये केवल कमजोर/ बेचारे का अस्त्र है जिसे कभी कभी घृणित बेचारगी के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है पर यदि इन बेचारों/ कमजोरों/ घृणित लोगों को ब्लॉगिंग से बाहर करने का यत्न करेंगे तो ये जगह कितनी भी साफ क्यों न हो जाए ब्लॉगिंग न रह जाएगी। यूँ भी जो घृणास्पद होने पर केवल बेनामी की ही मोनोपोली थोड़े है :)
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