गंगा सफाई का एक सरकारी प्रयास देखने में आया। वैतरणी नाला, जो शिवकुटी-गोविन्दपुरी का जल-मल गंगा में ले जाता है, पर एक जाली लगाई गई है। यह ठोस पदार्थ, पॉलीथीन और प्लॉस्टिक आदि गंगा में जाने से रोकेगी।
अगर यह कई जगह किया गया है तो निश्चय ही काफी कचरा गंगाजी में जाने से रुकेगा। नीचे के चित्र में देखें यह जाली। जाली सरिये की उर्ध्व छड़ों से बनी है।
और इस चित्र में जाली वाले बन्ध की गंगा नदी से दूरी स्पष्ट होती है।
देखने में यह छोटा सा कदम लगता है। पर मेरे जैसा आदमी जो रोज गंगा में कचरा जाते देखता है, उसके लिये यह प्रसन्नता का विषय है। कोई भी बड़ा समाधान छोटे छोटे कदमों से ही निकलता है। और यह जाली लगाना तो ऐसा कदम है जो लोग स्वयं भी कर सकते हैं – बिना सरकारी मदद के!