मेरे बारे में अनूप शुक्ल का पुराना कथन है कि मैं मात्र विषय प्रवर्तन करता हूं, लोग टिप्पणी से उसकी कीमत बढ़ाते हैं। यह कीमत बढ़ाना का खेला मैने बज़ पर देखा। एक सज्जन ने कहा कि यह सामुहिक चैटिंग सा लग रहा है। परस्पर संवाद। पोस्ट नेपथ्य में चली जाती है, लोगों का योगदानContinue reading “परस्पर संवादात्मक ब्लॉगिंग”
Monthly Archives: Apr 2010
अभिव्यक्ति का स्फोट
सांझ घिर आई है। पीपल पर तरह तरह की चिड़ियां अपनी अपनी आवाज में बोल रही हैं। जहां बैठती हैं तो कुछ समय बाद वह जगह पसन्द न आने पर फुदक कर इधर उधर बैठती हैं। कुछ एक पेड़ से उड़ कर दूसरे पर बैठने चली जाती हैं। क्या बोल रहीं हैं वे?! जो नContinue reading “अभिव्यक्ति का स्फोट”
हें हें हें, यह हिन्दी सेवा में है!
गूगल बज़ पर ब्लॉग पोस्टें बड़ी सरलता से जा रही हैं। लोग वहीं धो-पोंछ ले रहे हैं। पर जो गूगल बज़ से प्रारम्भ होता है, वह ब्लॉग में आने का रीवर्स माइग्रेशन अगर चल निकले तो मजा आये। मैने एक हिन्दी सेवात्मक बज़ लिखा था। जो पर्याप्त बज़ा। उसपर प्राइमरी के मास्टर जी ने पुन:Continue reading “हें हें हें, यह हिन्दी सेवा में है!”
