बोकरिया, नन्दी, बेलपत्र और मधुमेह

अपनी पूअर फोटोग्राफी पर खीझ हुई। बोकरिया नन्दी के पैर पर पैर सटाये उनके माथे से टटका चढ़ाया बेलपत्र चबा रही थी। पर जब तक मैं कैमरा सेट करता वह उतरने की मुद्रा में आ चुकी थी!

बेलपत्र? सुना है इसे पीस कर लेने से मधुमेह नहीं होता। बोकरिया को कभी मधुमेह नहीं होगा। पक्का। कहो तो रामदेविया शर्त!

एक कदम आगे – मैं प्रचारित कर सकता हूं कि नन्दी के ऊपर चढ़ाये बेलपत्र के सेवन से मधुमेह नहीं होता। बस मीडिया इस विचार को चमका दे तो छोटे बड़े  सब तरह के नन्दी बाजार में मिलने लगेंगे। घर ले जाइये, नन्दी पर मन्त्राभिषेक कर बिल्वपत्र चढ़ाइये, फिर उसका सेवन करिये। हफ्ते भर बाद शूगर टेस्ट कराइये। सब नार्मलै निकलेगा बाबा विश्वनाथ की कृपा से!

चलें, आज चुनार वाले कारीगर को सौ नन्दी बनाने का ऑर्डर दिया जाये। यह ब्लॉग पढ़ने वाले तो खरीद ही लेंगे! Goat Nandi 


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

30 thoughts on “बोकरिया, नन्दी, बेलपत्र और मधुमेह

  1. आदरनिये पांडे जी, अंतिम प्रणाम क्यों कह रहे हैं……… दिल को लगता हैं. कृपया ऐसा मत लिखिए…….

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  2. आदरणीय पाण्डेय जी, मेरे दफ़्तर में दो तीन लोग मधुमेह रोगी हैं–कहें तो उनसे बात की जाय(आर्डर बुक कर लें)—-मैं कोई कमीशन बीच में नहीं लूंगा। आपके जल्दी स्वस्थ होने के लिये शुभकामनायें।

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  3. @ दिव्या – मेरी अस्वस्थता के बाद आपको की नहीं, लगभग सभी को यह शिकायत होगी। मैं अभी तक सामान्य नहीं हो पाया। कल ही डाक्टर साहब ने बताया कि (दवायें नियमित लेने के बावजूद) मेरा रक्तचाप बढ़ा हुआ है। अन्य समस्यायें हैं सो अलग। खेद है। पर अभी बहुत कुछ कर नहीं पाऊंगा मैं।अन्तिम प्रणाम? अब क्या कहें।

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  4. .जब मैं नयी थी ब्लॉग जगत में , तो ज्ञानदत्त जी के ब्लॉग पर सबसे ज्यादा आती थी। लेकिन मेरी द्वारा लिखी गयी ५६ पोस्टों में से एक पर भी नहीं आये ज्ञान जी।ज्ञान जी को मेरा अंतिम प्रणाम । .

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  5. @DEEPAK BABA – धन्यवाद दीपक जी! और इस कोण से मैने सोचा ही नहीं! यह जरूर है कि अमूमन मेरी पोस्टें छोटी होती हैं, क्योंकि उससे ज्यादा हिन्दी ठेलने में फेचकुर निकलने लगता है! पर छोटी पोस्ट लिखने में भी बहुत मेहनत है – शायद लिखने के पहले की।

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  6. ज्ञानदत्त जी, आपके ब्लॉग पर तो ट्वीट चल रहा है ….. चार लाइन आप लिख देते हो बाकी ३०-४० टिप्पणियाँ जगह पूरी कर देती हैं. कुल मिला कर हो गया एक लेख पूरा.श्याद बुरा मान जाओ ……… पर मत मानना ……. इत्ता तो कह सकते हैं.

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  7. .संगमरमरी नंदी, बिंदास बकरी और ज्ञानदत्त जी को नमन । zealzen.blogspot.com.

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  8. अजी शुगर ओर मधुमेह को मारो गोली जी, अब जब सॊ नंदी बनाने का आर्डर दे दिया तो लगे हाथो एक ज्यादा बनवा लो, ओर वो वाला हमे भेज दो तोहफ़े के रुप मै, हम नंदी बाबा को रोज नदी मै स्नानम करवायेगे ओर आप को याद किया करेगे, जय हो ज्ञान बाबा जी की, इस का रोज जाप भी करेगे

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  9. आप कहॉं अपने टेलेण्‍ट को रेल के इंजन के साथ धकिया रहे हैं। छोडिण्‍ नौकरी और फील्‍ड मे आ जाइए। एक-ठो खबरिया चैनल शुरु कर दीजिए। पहले ही दिन टीआरपी का रेकार्ड बना लेंगे आप।

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