ट्विट ट्विट ट्वीट!

दीपक बाबा जी कहते हैं - 

ज्ञानदत्त जी, आपके ब्लॉग पर तो ट्वीट चल रहा है ….. चार लाइन आप लिख देते हो बाकी ३०-४० टिप्पणियाँ जगह पूरी कर देती हैं. कुल मिला कर हो गया एक लेख पूरा.
शायद बुरा मान जाओ ……… पर मत मानना ……. इत्ता तो कह सकते हैं.

दीपक जी ने मेरी सन २००७-२००८ की पोस्टें नहीं देखीं; टिप्पणी के हिसाब से मरघटीय पोस्टें!

और फिर दिव्या कहती हैं –

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जब मैं नयी थी ब्लॉग जगत में , तो ज्ञानदत्त जी के ब्लॉग पर सबसे ज्यादा आती थी। लेकिन मेरी द्वारा लिखी गयी ५६ पोस्टों में से एक पर भी नहीं आये ज्ञान जी।
ज्ञान जी को मेरा अंतिम प्रणाम ।
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निश्चय ही, बहुत से ब्लॉगर्स के लिये मेरा ब्लॉग टिप्पणी के बार्टर सिस्टम में पिछले तीन महीने में नफे का सौदा नहीं रहा। मैं लोगों को प्रोत्साहित करने के लिये ब्लॉग पढ़ा और लगभग मुक्त भाव से टिप्पणी करता था। अस्वस्थता ने वह चौपट कर दिया। मेरे पास विकल्प थे कि अपना ब्लॉग पॉज पर बनाये रखूं, जब तक कि बार्टर सिस्टम में ट्रेडिंग करने लायक न हो जाऊं। फिर लगा कि वह सही नहीं है।

अन्तिम प्रणाम? बहुत से खिझिया कर बोल कर जाते हैं। बहुत से चुपचाप जाते हैं – कि लौटने की गुंजाइश बनी रहे।

मैं भी इसी लिये चल रहा हूं – अनियमित रक्तचाप के बावजूद, कि संवाद की गुंजाइश बनी रहे। एक ब्लॉगर का धर्म वही तो है! जैसा कुश ने शब्द क्वॉइन किया, खालिस ब्लॉगर का!

ऑफ द वे; जवाहिर लाल (मंगल/सनिचरा) गंगा किनारे मुखारी करते दीखने की बजाय सड़क के नल पर दिखा। नहाने के उपक्रम में। साल में कितने दिन नहाता होगा?

Gyan696


अन्तिम प्रणाम (The Last Salute), संदर्भ प्रवीण शाह जी की नीचे टिप्पणी।

मैने यहां एक स्केच लगाया था, मित्रों के आग्रह पर वह निकाल दिया है।


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

64 thoughts on “ट्विट ट्विट ट्वीट!

  1. मन ऐसा कसैला हो गया है कि लगता है कट लूँ यहाँ से…लेकिन फिर लगता है ….अच्छे लोगों की कमी थोड़े न है यहाँ…भैया, जाने दीजिये ये सब….आप स्वस्थ का ध्यान रखिये और बस लिखते रहिये…राम जी मालिक भी कहाँ सबको संतुष्ट कर पाए थे…तो हम लोगों की क्या औकात है…बस प्रभु को ध्यान में रख सार्थक करने का प्रयास करते रहना चाहिए…और क्या…बाकी जिसको जो बुझाये सो बुझाए…

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  2. ज्ञानदत्त जी आप सही कह रहै हैं ब्लॉग तो है ही वार्तालाप का जरिया आप कुछ लिखें और दूसरे उसे पढें । पढने वाला कोई न हो तो बुरा तो लगता है । पर आपका स्नेह मुझे बहुत मिला है । आप जल्द ही स्वास्थ्य लाभ करेंगे और फिर से हमारा हौसला बढायेंगे इसी आशा के साथ ।

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  3. ज्ञान भाई !आप आदरणीय हैं, कृपया आप बिना दिल पर लिए, स्वास्थ्य लाभ करें …मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि शीघ्र पहले की तरह सक्रिय हो जाएँ ! सादर

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  4. @उफ़ प्रणाम को प्रमाण लिख गया -अब विद्वान् लोग बायोलाजिकल और क्लीनिकल डेथ समझा रहे हैं :) इसके आलावा भी कुछ आता है -तहजीब और मानवीयता ! ?कितनी अहमन्यता हैं न लोगों में और ये पप्पू कौन है जो पास फेल हो रहा है ?एक लेख लिखने का मन हो रहा है -ब्लॉग जगत की जिद्दी और पुरुष विरोधी नारियां ..आफत कर दिया है इन लोगों ने ,,पंचों की राय हो तो लिखूं -अब सब्र का बांध सचमुच ओवर फ्लो कर गया है !

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  5. .@–@ दिव्या – बार्टर सिस्टम की बात तो पिछली पोस्ट पर आपकी टिप्पणी का आशय है।Gyan ji–आशय तो समझा दिया टिपण्णी के जरिये , आपकी समझ में नहीं आया , ये आपका दुर्भाग्य है।अंतिम प्रणाम से मेरा तात्पर्य यही है की आप मेरे लिए मर चुके हैं। आपके लिए मेरे ह्रदय में कोई स्थान नहीं है।मुझे भी अपने लिए मरा हुआ ही समझिये।इस मृत्यु का biological death से कोई लेना देना नहीं है।इससे ज्यादा spoon feeding नहीं कर सकतीआप अपनी कौरव सेना के साथ स्वस्थ्य एवं प्रस्सन रहिये। आपकी पोस्ट पर भी पप्पू से मुलाकात हुई। जानकार प्रस्संता हुई की पप्पू ज़रा भी नहीं बदला है। आपके पप्पू की शान में एक पोस्ट लिख रही हूँ…." पप्पू [ कमीना ] फेल हो गया !—————————@ _ निशांत-धन्यवाद।.

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  6. (एक टिप्पणी मिट चुकी है लापरवाही से -मिट जाना अच्छा था ,आप सरीखे व्यक्ति को कोई अंतिम प्रमाण कह दे तो उसकी सौजन्यता और बौद्धिक स्तर का पता लग जाता है ..)सारी मैं थोडा व्यस्त हूँ-मगर आपके ब्लॉग पर आना सदैव आह्लादकारी अनुभव रहता है !

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  7. @ दिव्या – बार्टर सिस्टम की बात तो पिछली पोस्ट पर आपकी टिप्पणी का आशय है।पिछले पोस्ट पर अन्तिम प्रणाम पर अपनी खिन्नता मैने टिप्पणी और ई-मेल से व्यक्त की थी। आपने टिप्पणी के स्पष्टीकरण की टिप्पणी या ई-मेल का जवाब भी दिया होता तो कोई बात न बढ़ती। यद्यपि कई मित्रों को अनावश्यक रूप से कौरवों की खल सभा की तरह रंगने का यत्न किया है आपने और "अन्तिम प्रणाम" जिसे मरे व्यक्ति को दिया जाता है, पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है; यह प्रकरण समाप्त माना जाये। जैसा मैने ई-मेल में कहा था – "I feel very sad Divya. Thanks for all your comments and being along in my blogging journey." वह सत्य है।

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