दामोदर तीरे विवस्वान।


झारखण्ड की नदी है दामोदर। सूर्य उसके पूर्वी छोर पर उगते रहे होंगे आदि काल से। उसी नदी के किनारे है एक बनता हुआ मन्दिर परिसर। वर्तमान समय में सूर्य का मुण्डन संस्कार हुआ वहां! सूर्य यानी विवस्वान। विवस्वान यानी नत्तू पांड़े। पिछले महीने दो साल के हुये थे तो तय पाया गया था किContinue reading “दामोदर तीरे विवस्वान।”

इतस्तत: कोयला (धनबाद, बोकारो, फुसरो)


धनबाद भारत की कोयला-राजधानी है। मैं इसके आसपास के क्षेत्र – धनबाद-बोकारो-चास-फुसरो में हूं। कुछ जगहों से गुजरा, और कुछ के बारे में सुना – मतारी, निचितपुर, तेतुलामारी, महुदा, जांगरडीह, तुपकाडीह, मऊजा, जोगता, कतरासगढ़। यहां जमीन में जमीन कम कोयला ज्यादा है। कई कई जगह जमीन है ही नहीं, कोयला है। गंगा की बालू औरContinue reading “इतस्तत: कोयला (धनबाद, बोकारो, फुसरो)”

जल्लदवा प्वॉइण्ट, जाल और हाई स्कूल परिणाम


जल्लदवा, वह मोटा, गठे शरीर वाला प्राणी जो सवेरे सवेरे अपने घर से निषादघाट पर मुंह में मुखारी दबाये आता है और घाट पर आते ही उल्टी नाव के बगल में अपनी कमीज (जिसके बटन पहले से खुले होते हैं) उतार, लुंगी खोल कच्छे की अपनी नैसर्गिग पोशाक में आ जाता है, वह हमारे आनेContinue reading “जल्लदवा प्वॉइण्ट, जाल और हाई स्कूल परिणाम”

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