वे पहले हाथ से बीन रहे थे मछली। आज देखा तो पाया कि उन्होने तकनीक विकसित कर ली है। उसी जगह एक चादर का प्रयोग बतौर जाल के रूप में कर रहे थे। गंगाजी के पानी से बने तालाब में एक ओर से शुरू कर दूसरी ओर तक ला रहे थे चादर को। कोशिश कर रहे थे कि चादर तालाब की तली के समीप से फिरायें। दो बच्चे यह काम कर रहे थे। एक व्यक्ति – ग्राहक – एक पॉलीथीन की पन्नी ले कर किनारे खड़ा था उनसे मछली खरीदने को।
सूरज भगवान थोड़ा देर कर रहे थे उगने में।
समझ नहीं आया कि ये पोलीथीन वाला बाउ ख़ुद ही मछली क्यों नही पकड़ लेता 🙂
LikeLike
वो साहब है!
LikeLike
सच में। आवश्यकता आविष्कार की जननी है। स्थानीय उपकरण हर हाल में उपयोगी और परिणामदायी होते हैं।
LikeLike
Necessity is the mother of invention – बुज़ुर्ग ह हि गए हैं 🙂
LikeLike
Haridwar gaya tha pichhle shaniwar. Kuch ladke ek dande mein chumbak ke gole fansa kar behti dhara mein unko dubo rahe the. Bahar nikalne par un chumbak ke golon se sate hue ek ek rupaye ke sikke kya khoob chamak rahe the subah ki dhoop mein!
LikeLike
वाह! क्या तकनीक है। चुम्बक से रुपया खींचना। यह जान कर पता चला कि रुपया चुम्बक से खिंचता है मैं सोचता था कि एक धातु-मिश्रण होने के कारण इसमें चुम्बकीय गुण नहीं होते!
LikeLike
naye waale patle sikke khoob khinchte hain. kabhi koshish keejiyega! 🙂
LikeLike
Due to a keyboard issue,Will Hindi be written in roman script in future?
Think….most of Hindi film songs lyrics are written in English on Internet but not in Hindi.
LikeLike
अधिक उत्पादकता अविष्कार की जननी है।
LikeLike
आवश्यकता अविष्कार की जननी है .
LikeLike