मोहन लाल और पच्चीस हजार वाले लोग


मोहन लाल को बीड़ी फूंकते पाया मैने। साथ में हीरालाल से कुछ बात कर रहे थे वे। आसपास गंगाजी की रेती में सब्जियां लगाने – बोने का उपक्रम प्रारम्भ हो चुका था। मैने बात करने की इच्छा से यूं ही पूछा – क्या क्या लगाया जा रहा है? सब कुछ – कोन्हड़ा, लौकी, टमाटर। लोगContinue reading “मोहन लाल और पच्चीस हजार वाले लोग”

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