किसी ने कछार में खेत की बाड़ बनाने में एक खोपड़ी लगा दी है। आदमजात खोपड़ी। समूची। लगता है, जिसकी है, उसका विधिवत दाह संस्कार नहीं हुआ है। कपाल क्रिया नहीं हुई। कपाल पर भंजन का कोई चिन्ह नहीं।
भयभीत करती है वह। भयोत्पादान के लिए ही प्रयोग किया गया है उसका।
कछार में घूमते हुये हर दूसरे तीसरे देख लेता हूँ उसे। जस की तस टंगी है उस बल्ली पर। कई चित्र लिए हैं उसके।
आपके लिये ये दो चित्र प्रस्तुत हैं-


25.498753
81.873439
Published by Gyan Dutt Pandey
Exploring rural India with a curious lens and a calm heart.
Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges.
Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh.
Writing at - gyandutt.com
— reflections from a life “Beyond Seventy”.
FB / Instagram / X : @gyandutt |
FB Page : @gyanfb
View more posts
It was ok to see the side profile but seeing it from back evoked strange feelings. It is lambdoid suture seen with all its vividity.
LikeLike
सही कहा आपने।
LikeLike
मेरी भी ऐसी ही होगी – खोपड़ी… :)
LikeLike
और अब टिप्पणी आप्रसंगिक लग रही है :)
LikeLike
:)
LikeLike
खोपड़ी के बैकव्यू वाले चित्र के ठीक नीचे गैलेक्सी II वाला चित्र/विज्ञापन बहुत प्रासंगिक लग रहा है, बेस्ट बाई ऑफ़र :)
LikeLike
ऑफर का क्या, आता जाता रहता है। खोपड़ी परमानेण्ट है!
LikeLike
डराती खोपड़ी..
LikeLike
खोपड़ी का पिछला हिस्सा देखने से, लगता है, कि यह जरूर कोई ब्लौगर रहा होगा भाई जी …
LikeLike
awesome
LikeLike
खोपड़ी पर एक भी बाल नहीं ! किसी बूढ़े की लगती है.
LikeLike
मनुष्य जीवन भर प्रेत पिशाचों से डरता है और मृत्यु पश्चात खुद दूसरों को डराता है अजीब विडमबना है !!!!
LikeLike