शैलेश की रिपोर्ट – रुद्रप्रयाग और श्रीनगर के बीच से

ऋषिकेश में गंगा - 1
ऋषिकेश में गंगा – 1

जून 27’2013: सवेरे शैलेश ने ऋषिकेश का चित्र भेजा। गंगा प्रचण्ड रूप धारण किये हुये। मैने पूछा – कैसा लग रहा है गंगा का यह रूप देख कर? क्या इस मौसम में सामान्य है?

नहीं। हवा में कुछ ऐसा है जो भारी कर दे रहा है। लगता है नीचे कहीं कुछ भयानक है इस दृष्य के पीछे। गंगा एक मां का वात्सल्य नहीं दिखा रहीं। उस स्त्री की तरह हैं जो दूसरे से झगड़ा करने पर उद्धत हो। 

शायद वे भद्रकाली के रौद्र रूप से कुछ कमतर बता रहे थे गंगा को। उतनी उग्र भी नहीं, पर पर्याप्त उग्र।

ऋषिकेश में गंगा - 2
ऋषिकेश में गंगा – 2

संझा में फिर शैलेश से बात हुई। वे और उनके एक साथी हर्ष कहीं बीच में अटके थे रुद्रप्रयाग और श्रीनगर के बीच। स्थानीय लोगों ने जगह का नाम बताया शेयोम्भरगढ़। काफी बड़ा भूस्खलन हो गया था वहां। राहत सामग्री के ट्रक भी अटके थे। लोग भी थे जिन्हे राहत की जरूरत थी। पर राहत सामग्री लोगों को वहीं अटके होने पर दे दी जाये, यह किसी के जेहन में नहीं था। शायद कमी राहत सामग्री की नहीं, मैन पावर की है जो उसे अटके लोगों तक पंहुचा सकें।

भूस्खलन स्थल पर कार्यरत मशीनें।
भूस्खलन स्थल पर कार्यरत मशीनें।

दो लोग मिले जो दक्खिन से आये थे, चालीस लोगों के जत्थे को तलाशते। सभी को पेम्फलेट दे रहे थे। शैलेश को भी दिया कि कहीं मिल जायें वे तो सूचित करें। इस प्रकार के कई लोग हैं अपने स्वजनों को तलाशते।

शैलेश और हर्ष अटके लोगों को भोजन पानी वितरित करने में हाथ बटाने लगे उस स्थान पर जहां भूस्खलन हुआ था। अटके लोग ऐसे भी दिखे तो राहत में दी गयी खाने पीने की सामग्री बरबाद भी कर रहे थे। पूड़ी सब्जी के पैकेट्स की बरबादी भी कर रहे थे वे लोग। खैर!

शैलेश ने बताया कि कल सवेरे वे गुप्तकाशी पंहुच जायेंगे। उसके बाद आगे की बात होगी!

[भूस्खलन स्थल के चित्र अभी डाउनलोड नहीं हो पा रहे। होने पर यहां प्रस्तुत कर दूंगा।  अब हो गये! :-) ]

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Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

10 thoughts on “शैलेश की रिपोर्ट – रुद्रप्रयाग और श्रीनगर के बीच से

  1. शैलेश और हर्ष भाई को
    प्रणाम
    अकेले ही बहुत होता है मनुष्य अगर इरादा मज़बूत हो ,
    फिर आप तो दो है ।
    उम्मीद है आप अपने मज़बूत इरादों के साथ वहाँ जाने के
    मक़सद मे कामयाब हो ।
    अगर मै किसी भी लायक लगूँ तो सम्पर्क करे , हम जैसो
    मे संकोच कहाँ ?
    संतोष

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  2. रिपोर्टें वस्तुस्थिति बता रही हैं , बिछडे हुए परिजनों का वापस न लौटना सबसे लंबा इंतज़ार साबित होगा

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    1. शैलेश का कहना है कि बाहर से आये लोगों की फिक्र बहुत से लोग कर रहे हैं; दूर दराज के ग्रामीणों की कोई सुध नहीं ले रहा! :sad:

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  3. आगे की यात्रा के लिये शैलेश को मंगलकामनायें।

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