शैलेश गुप्तकाशी से चल कर फाटा में हैं। फाटा से मन्दाकिनी के उस पार करीब 10-15 गांवों की सूची है उनके पास। उन गांवों में लगभग चार-पांच हजार लोग हैं को राहत से कटे हैं। भूस्खलन से वहां जाना दुर्गम है। सड़क मार्ग से राहत गुप्तकाशी से कालीमठ-चौमासी होते हुये करीब 70 किलोमीटर चल करContinue reading “शैलेश की कार्य योजना – फाटा से मन्दाकिनी पर ग्रेविटी गुड्स रोप-वे राहत सामग्री के लिये”
Daily Archives: 29-06-2013
"खाइ भरे के पाई ग हई (खाने भर को मिल गया है)"
चार दिन पहले गंगा उफन रही थीं। बहाव तेज था और बहुत सी जलकुम्भी बह कर आ रही थी। बढ़ती गंगा में आसपास के ताल तलैयों, नहरों नालों की जलकुम्भी बह कर आने लगती है। वैसा ही था। खबरें भी थीं गंगा और उत्तर की अन्य कई नदियों में उफान की। किनारे एक धतूरे काContinue reading “"खाइ भरे के पाई ग हई (खाने भर को मिल गया है)"”