जरई


आज कजरी तीज है। भादौं मास के कृष्ण पक्ष की तीज। आज के दिन बहनें अपने भाई को सिर और कान पर जरई बाँधती हैं। नागपंचमी के दिन वे गांव के तालाब या नदी से मिट्टी ले कर आती हैं। उसको बिछा कर उसपर जौ छींटती हैं। रोज जौ को पानी दिया जाता है जोContinue reading “जरई”

यात्रा एक किलोमीटर


(कल दफ्तर में) लंचटाइम। मेरी टेबल पर टाटा नैनो में भारत यात्रा के दो ट्रेवलॉग हैं। उन्हे पलटने पर मजा नहीं आता। लोगों को यात्रा कर किताब लिखने भर की पड़ी है शायद। यात्रा के दौरान यात्रा से कई गुना देखना न हो तो वह ट्रेवलॉग किस काम का। और देखना कैमरे की आंख सेContinue reading “यात्रा एक किलोमीटर”

इत्ता बड़ा था सांप, मदारी पकड़ कर ले गया!


नदी (गंगाजी) फिर बाढ़ पर हैं। 1-2 अगस्त को जितना बढ़ी थीं उससे अभी डेढ़-दो फिट कम हैं पर यह पिछले एक दशक में इसी साल ही हुआ है कि इतना बढ़ी हों और शिवकुटी घाट की सीढ़ियाँ डूबी हों। आज पन्द्रह अगस्त की शाम के समय वहां गया तो घाट पर तीस चालीस लोगContinue reading “इत्ता बड़ा था सांप, मदारी पकड़ कर ले गया!”

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