मछुआरा

नदी की ओर जाता मछुआरा
नदी की ओर जाता मछुआरा

वह तेजी से गंगा किनारे चलता जा रहा था। एक हाथ में मछली पकड़ने की बन्सी (डण्डी) लिये और दूसरे हाथ में तितली पकड़ने वाला जाल। गेरुये रंग की टी-शर्ट पहने और नीचे गमछा लपेटे था। उग रहे सूर्य के सामने वह आस पास के वातावरण में विशिष्ट लग रहा था। मैं अपनी सवेरे की सैर पूरी कर कछार से लौट रहा था पर उसका चित्र लेने के लोभ में वापस, उसकी ओर मुड़ गया। वह निकल न जाये, मैने लगभग आदेश के स्वर में उससे कहा – रुको, जरा फोटो लेनी है।

***

दूर जाता दिखा था वह मछुआरा सूर्योदय की रोशनी में।

???????????????????????????????

***

वह रुका। एक पोज सा बनाया। गेरुआ टी-शर्ट में बांस की डण्डी कांधे पर टिकाये वह दण्डी स्वामी जैसा लग रहा था – मानो किसी मठ का सन्यासी हो!

चित्र लेते हुये मैने पूछा – कैसे पकड़ते हो मछली?

मछुआरा
मछुआरा

इस जाल में छोटी मछली पानी में ऐसे ही बीन लेते हैं और फिर छोटी को कांटे में फंसा कर बड़ी पकड़ते हैं।

अच्छा, कितनी बड़ी मिल जाती हैं?

वह साइज़ पर प्रतिबद्ध नहीं हुआ। ठीक ठाक मिल जाती है।

कुल कितनी मिल जायेगीं, दो तीन किलो?

हां, काम भर को। कभी मिलती हैं, कभी नहीं।

कब तक पकड़ते हो?

यही, कोई आठ बजे तक।

छ बज रहे थे सवेरे के। उसके पास मेरे सवालों का जवाब देने को ज्यादा वख्त नहीं था। मेरे सामने वह तट पर उथले पानी में जाल से छोटी मछलियां पकड़ने लगा।

समय हो चुका था लौटने का। मैं चला आया।

उथले पानी में वह तट के पास छोटी मछलियां निथारने लगा वह मछुआरा।
उथले पानी में तट के पास छोटी मछलियां निथारने लगा वह मछुआरा।

Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

6 thoughts on “मछुआरा

  1. फोटो अच्छे हैं। मछली पकड़ना भी कलाकारी का काम है।

    Like

  2. मछली से मछली का शिकार.
    दण्‍डी स्‍वामी के मन में शायद सवाल आया हो कि यह भला मानस यहां क्‍या झख (मछली) मार रहा है.

    Like

  3. aapki vajah se agar kabhi shivkuti aana hua to kafi kuchh jana pehchana sa lagega.- ganaga tat bhi aur ganga teer ke kirdaar bhi.

    Like

Leave a reply to anupkidak Cancel reply

Discover more from मानसिक हलचल

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Design a site like this with WordPress.com
Get started