एक जंग सी छिड़ी है व्यवस्था और अराजकता के बीच
लोग न केवल स्टिकर निकाल ले रहे हैं, उन बोरियों को उठा कर सड़क के डिवाइडर पर वाहन कुदाने के लिये रैम्प जैसा बनाने में भी प्रयोग कर रहे हैं। … भयंकर अराजक-जुगाड़ देश है यह!
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
एक जंग सी छिड़ी है व्यवस्था और अराजकता के बीच
लोग न केवल स्टिकर निकाल ले रहे हैं, उन बोरियों को उठा कर सड़क के डिवाइडर पर वाहन कुदाने के लिये रैम्प जैसा बनाने में भी प्रयोग कर रहे हैं। … भयंकर अराजक-जुगाड़ देश है यह!