यह पास का कस्बा – महराजगंज कैसे पनपा? कैसे इसका बाजार इस आकार में आया? यहां रहने वाले पहले के लोग कहां गये? बाजार ने कौन से लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। यातायात के साधन बाजार को किस तरह विकसित करते गये? … ये सवाल मेरे मन में आजकल उठ रहे हैं।
मैं, ज्ञानदत्त पाण्डेय, गाँव विक्रमपुर, जिला भदोही, उत्तरप्रदेश (भारत) में रह कर ग्रामीण जीवन जानने का प्रयास कर रहा हूँ। मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर रेलवे अफसर; पर ट्रेन के सैलून को छोड़ गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलने में कठिनाई नहीं हुई। 😊
यह पास का कस्बा – महराजगंज कैसे पनपा? कैसे इसका बाजार इस आकार में आया? यहां रहने वाले पहले के लोग कहां गये? बाजार ने कौन से लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। यातायात के साधन बाजार को किस तरह विकसित करते गये? … ये सवाल मेरे मन में आजकल उठ रहे हैं।