एक जंग सी छिड़ी है व्यवस्था और अराजकता के बीच
लोग न केवल स्टिकर निकाल ले रहे हैं, उन बोरियों को उठा कर सड़क के डिवाइडर पर वाहन कुदाने के लिये रैम्प जैसा बनाने में भी प्रयोग कर रहे हैं। … भयंकर अराजक-जुगाड़ देश है यह!
मैं, ज्ञानदत्त पाण्डेय, गाँव विक्रमपुर, जिला भदोही, उत्तरप्रदेश (भारत) में ग्रामीण जीवन जी रहा हूँ। मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर रेलवे अफसर। वैसे; ट्रेन के सैलून से गांव की पगडंडी की साइकिल पर उतरना रोचक है! 😊
एक जंग सी छिड़ी है व्यवस्था और अराजकता के बीच
लोग न केवल स्टिकर निकाल ले रहे हैं, उन बोरियों को उठा कर सड़क के डिवाइडर पर वाहन कुदाने के लिये रैम्प जैसा बनाने में भी प्रयोग कर रहे हैं। … भयंकर अराजक-जुगाड़ देश है यह!