यहां गांव में प्रसन्नता के स्तर में वृद्धि (लॉकडाउन के बावजूद) मैंने देखी है। पर सरकारी फ्री राशन भी बेच कर दारू पीने के मामले भी सुनने में आये हैं। खातों में पैसे आने से मैंने महिलाओं को अधिक प्रसन्न होते पाया है।
भारतीय रेल का पूर्व विभागाध्यक्ष, अब साइकिल से चलता गाँव का निवासी। गंगा किनारे रहते हुए जीवन को नये नज़रिये से देखता हूँ। सत्तर की उम्र में भी सीखने और साझा करने की यात्रा जारी है।
यहां गांव में प्रसन्नता के स्तर में वृद्धि (लॉकडाउन के बावजूद) मैंने देखी है। पर सरकारी फ्री राशन भी बेच कर दारू पीने के मामले भी सुनने में आये हैं। खातों में पैसे आने से मैंने महिलाओं को अधिक प्रसन्न होते पाया है।