“भईया यहां सांप बड़े बड़े दिखे। सोपारी की भी खेती होती है। सागौन के जंगल भी बहुत दिखे। बांस का भी खूब इस्तेमाल दिखा। नहर जो महानंदा को तीस्ता से जोड़ती है उसमें पानी महानंदा की ओर से तीस्ता की ओर बह रहा था।”
Daily Archives: 24.04.2023
मूरत यादव, भैंस का दूध और अमूल
“इहै तो गलत करत रहे। अमूल का तो कभी न लेना चाहिये। वह तो खूब घोल कर दूध में से ताकत खींच लेता है। बचा दूध जो देता है, उसमें कौन सेहत बनेगी?” – मंगत जी ने वह ज्ञान मुझे दिया जो अमूमन गांवदेहात में चल जाता है।
