आलसी आंख छ दशक बाद चैतन्य – देशज भाषा में छटपट – बनी! देर से ही सही, मेरी लुगाई जी पुनर्योवना हो रही हैं और हम जो हैं सो ही हैं! :-)
Author Archives: Gyan Dutt Pandey
मोबाइल गर्ल्स कूट्टम की तर्ज पर गोली, गिन्नी और गुन्जा
यह एक परिचयात्मक पोस्ट है। आगे हम गिन्नी, गुन्जा और गोली की बातचीत मिसेज वाईपी और नागेश्वर के माध्यम से करेंगे। क्या पता वह करते करते तीन सौ पेज की एक किताब ही बन जाये!
सड़सठ (67) साल की उम्र पर
अपने आप को कालजयी लेखक, ब्लॉगर या कोई शानदार लीगेसी छोड़ कर जाने का फितूर न पाला जाये तो क्रियेटिव तरीके से आने वाले दशक – कई दशक – दीर्घ और स्वस्थ्य जीवन के साथ गुजारे जा सकते हैं। बाकी, जो होगा सो होगा ही। होईहैं सोई जो राम रचि राखा!
