काकेश ने परसों पोस्ट लिखी थी कि रेलवे स्टेशन पर आटो-टेक्सी के लिये मोल-भाव गलत है. मुझे एक दृश्य याद हो आया. मैं एक पैसेन्जर गाड़ी से जा रहा था. मेरा कैरिज ट्रेन के अन्त में था. (शायद) राजातलाब (वाराणसी-इलाहाबाद के बीच) स्टेशन पर पैसेन्जर ट्रेन रुकी. प्लेटफार्म के बाहर मेरा कैरिज रुका था. उसीContinue reading “मोल-भाव गलत है रेलवे स्टेशन पर – काकेश उवाच”
Author Archives: Gyan Dutt Pandey
हर मुश्किल का हल होता है – बनाम बेलगाम कविता
कई बार बड़ी अच्छी बात बड़े सामान्य से मौके पर देखने को मिल जाती है. एक बार (बहुत सालों पहले) बड़ी फटीचर सी फिल्म देखी थी – कुंवारा बाप. उसमें बड़ा अच्छा गीत था- आंसुओं को थाम ले सब्र से जो काम ले आफतों से न डरे मुश्किलों को हल करे अपने मन की जिसकेContinue reading “हर मुश्किल का हल होता है – बनाम बेलगाम कविता”
रेलवे का सबसे बड़ा सिरदर्द – लेवल क्रॉसिन्ग की दुर्घटनायें
जब मैं गोरखपुर में पूर्वोत्तर रेलवे की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहा था, तब जिस खबर से मुझे अत्यधिक भय लगता था वह था – रेलवे के समपार फाटकों (level crossings) पर होती दुर्घटनायें. अधिकतर ये घटनायें बिना गेटमैन के समपार फाटकों पर होती थीं. उनपर रेलवे का बहुत नियन्त्रण नहीं होता. हम लोग लेवलContinue reading “रेलवे का सबसे बड़ा सिरदर्द – लेवल क्रॉसिन्ग की दुर्घटनायें”
