दुकानदार मुझे राजू के काम के बारे में बताते हैं – “इनके बिना तो काम ही नहीं चलता। एक दिन ये न आये तो पूरा बाजार बजबजाता रहता है। कोई ग्राहक आना पसंद नहीं करता। इसके लिये हम लोग पांच-पांच रुपया देते हैं?”
Author Archives: Gyan Dutt Pandey
सहारनपुर से यमुनानगर
यम की भगिनी यमुना, किसी बड़ी घटना-दुर्घटना के बाद घर्घर नाद कर बहती सरस्वती के जल का एक बड़ा हिस्सा अपने में समाहित करने वाली यमुना तक न जाया जाये। सन 1335 में फीरोजशाह तुगलक ने पश्चिमी यमुना नहर को बनाया था।
सुरेश पटेल
कई लोग – लगभग 2-3 सौ लोग, जो मुझे मेरे लेखन के कारण नहीं, मेरे पद के कारण मुझसे सोशल मीडिया पर जुड़े थे, वे एक एक कर गायब हो रहे थे। पर जो जुड़ रहे थे, उनमें मैं सुरेश पटेल को ही याद करता हूं। वह जुड़ाव आज भी है। और गहरा!
