आर्मचेयर परिक्रमा – दिन 1 नीलकंठ चिंतामणि की कलम से नीलकंठ का ईमेल सवेरे ठीक छह बजे आया। लगता है, यह उसने रात को अंतिम स्पर्श देकर सवेरे भेजा था..यह वही नीलकंठ है, जो हमारे बैच का सबसे बड़ा लिक्खाड़ था। ट्रेनिंग के दौरान एक बार कोलफील्ड के थाने में एफआईआर दर्ज करानी पड़ी —Continue reading “आर्मचेयर परिक्रमा – डिंडोरी से कंधूजी शिव मंदिर”
Author Archives: Gyan Dutt Pandey
आर्मचेयर नर्मदा परिक्रमा की प्रस्तावना
नीलकंठ और सुदामा की पहली बैठक (डिंडौरी से बरगी तक की यात्रा की भूमिका) प्रेमसागर ने डिंडौरी से पैदल चलकर चाबी गाँव में जब नर्मदा परिक्रमा को खंड-विराम दिया, तब वे सड़क मार्ग से ही चल रहे थे। डिंडौरी और जबलपुर के बीच, नर्मदा के उत्तर या दक्षिण तट की पदयात्रा अधिकांश यात्री सड़क केContinue reading “आर्मचेयर नर्मदा परिक्रमा की प्रस्तावना”
एक मिस-कॉल
जो गलती से लगी, वह दिशा बन गई नीलकंठ चिंतामणि उमादास को भूल ही गये थे। पर आज सवेरे जब फोन पर रात दो बजे की एक मिस्ड कॉल देखी, और नम्बर के आखिरी अंक 2848 पर नज़र पड़ी — तो एक धुंधली स्मृति तैर गई। “यह तो वही चित्रकूट जाने वाला यात्री लगता है,”Continue reading “एक मिस-कॉल”
