बापीयॉटिक पोस्टों की दरकार है!


बापी ओडीसा जाने के बाद क्या कर रहा है? मैं सतीश पंचम जी से फॉलो-अप का अनुरोध करता हूं। बापी वाली पोस्ट एक महत्वपूर्ण पोस्ट है हिन्दी ब्लॉगिंग की – भाषा और विषय वस्तु में नया प्रयोग। यह बिना फॉलो-अप के नहीं जाना चाहिये। अगर आपने सतीश जी की उक्त पोस्ट नहीं पढ़ी है तोContinue reading “बापीयॉटिक पोस्टों की दरकार है!”

टेलीवीजन (या रेडियो) की जरूरत


लम्बे समय से मैने टेलीवीजन देखना बन्द कर रखा है। मैं फिल्म या सीरियल की कमी महसूस नहीं करता। पर कुछ दिन पहले सवेरे जब मैं अपनी मालगाड़ियों की पोजीशन ले रहा था तो मुझे बताया गया कि दादरी के पास लोग ट्रैक पर आ गये हैं और दोनो ओर से ट्रेन यातायात ठप है।Continue reading “टेलीवीजन (या रेडियो) की जरूरत”

प्रधान, पोखरा, ग्रीस और पुर्तगाल


मैं पिछले महीने में प्रधान जी से कई बार बात करने का यत्न कर चुका। हर बार पता चलता है कि पोखरा (तालाब) खुदा रहे हैं। लगता है नरेगा की स्कीम उनका बहुत समय ले ले रही है। सरकार बहुत खर्च कर रही है। पैसा कहीं से आ रहा होगा। हर वैसी स्कीम जो कमContinue reading “प्रधान, पोखरा, ग्रीस और पुर्तगाल”

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