पिछली पोस्ट में मैने अपने दफ्तर की एक बुढ़िया चपरासी के बारे में लिखा था। आप लोगों ने कहा था कि मैं उससे बात कर देखूं। मैने अपनी झिझक दूर कर ही ली। कॉरीडोर में उसको रोक उसका नाम पूछा। उसे अपेक्षा नहीं थी कि मैं उससे बात करूंगा। मैं सहज हुआ, वह असहज होContinue reading “बुढ़िया चपरासी – द्रौपदी और मेरी आजी”
Category Archives: आस-पास
साइकल कसवाने का आह्लाद
बनारस में अंश के लिये साइकल कसवाई जा रही थी। अब बड़ा हो गया है वह। साइकल चलाने लायक। उसके पिताजी ने मुझे मोबाइल पर साइकल कसवाने की सूचना दी। वे बनारस में साइकल की दूकान पर और मैं इलाहाबाद में अपने दफ्तर में। मैने कहा – जरा साइकल का चित्र तो दिखाइये! बस कुछContinue reading “साइकल कसवाने का आह्लाद”
करछना का थर्मल पावर हाउस
पिछले दिनों इलाहाबाद के पास करछना के समीप आने वाले जे.पी. ग्रुप के 2000 मेगावाट वाले थर्मल पावर हाउस के किये जमीन अधिग्रहण के मामले पर किसान आन्दोलन कर रहे थे। उन्होने एक दिन रेल यातायात अवरुद्ध कर दिया था। सरकारी वाहन फूंक डाले थे और एक आन्दोलनकारी की मौत पर व्यापक रोष व्यक्त कियाContinue reading “करछना का थर्मल पावर हाउस”
