कैच नम्बर बाईस


मे रे दफ्तर के पास एक दिन सवेरे हादसा हो गया। एक मोटर साइकल पर पीछे बैठी स्कूल जाने वाली लड़की ट्रक की टक्कर में फिंका गयी। उसका देहांत हो गया। आस-पास वाले लोगों ने ट्रक फूंक कर यातायात जाम कर दिया। दफ्तर आते समय करीब चार पांच किलोमीटर लम्बा ट्रैफिक जाम पाया मैने। एकContinue reading “कैच नम्बर बाईस”

ऐसा क्यूं है?


अजीब लगता है। हिन्दी ब्लॉग जगत में बहुत प्रतिभा है। बहुत आदर्श है। बहुत सिद्धांत हैं। पर आम जिन्दगी स्टिंक कर रही है। मैं घर लौटते समय अपने ड्राइवर का बन्धुआ श्रोता होता हूँ। वह रेडियो पर फोन-इन फिल्मी फरमाइशी कार्यक्रम सुनाता है। एक लड़की बहुत प्रसन्न है कि उसका पहली बार फोन लग गया है।Continue reading “ऐसा क्यूं है?”

साइकल और बदला समय


मेरी पत्नी और मैं सड़क पर चल रहे थे। पास से एक छ-सात साल का बच्चा अपनी छोटी साइकल पर गुजरा। नये तरह की उसकी साइकल। नये तरह का कैरियर। टायर अधिक चौड़े। पीछे रिफ्लेक्टर का शो दार डिजाइन। आगे का डण्डा; सीधा तल के समान्तर नहीं, वरन तिरछा और ओवल क्रास-सेक्शन का। इस प्रकारContinue reading “साइकल और बदला समय”

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