श्री पंकज अवधिया का बुधवासरीय अतिथि लेख। फूल और तनाव दूर करने को मैं जोड़ कर देखता था। पर यहां फूल और हृदय रोगों की चिकित्सा को जोड़ रहे हैं अवधिया जी। पिछले सप्ताह एक विवाद (वाकई?) बना था लेख का शीर्षक देने के विषय में। लेख के शीर्षक देने का काम अवधिया जी मुझContinue reading “हृदय रोगों की चिकित्सा में फूलों का प्रयोग”
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विकास में भी वृक्षों को जीने का मौका मिलना चाहिये
मैने हैं कहीं बोधिसत्त्व में बात की थी वन के पशु-पक्षियों पर करुणा के विषय में। श्री पंकज अवधिया अपनी बुधवासरीय पोस्ट में आज बात कर रहे हैं लगभग उसी प्रकार की सोच वृक्षों के विषय में रखने के लिये। इसमें एक तर्क और भी है – वृक्ष कितने कीमती हैं। उन्हे बचाने के लियेContinue reading “विकास में भी वृक्षों को जीने का मौका मिलना चाहिये”
गुबरैला एक समर्पित सफाई कर्मी है
अपने ब्लॉग पर जिस विविधता की मैं आशा रखता हूं, वह बुधवासरीय अतिथि पोस्ट में श्री पंकज अवधिया पूरी कर रहे हैं। पिछली पोस्ट में जल-सुराही-प्याऊ-पानी के पाउच को लेकर उन्होने एक रोचक सामाजिक/आर्थिक परिवर्तन पर वर्तनी चलाई थी। आज वे अपशिष्ट पदार्थ के बायो डीग्रेडेशन और उसमें गुबरैले की महत्वपूर्ण भूमिका का विषय हमेंContinue reading “गुबरैला एक समर्पित सफाई कर्मी है”
