रायगड़ा


दिनांक २८ अक्तूबर, २०१२ रायगड़ा में अळप्पुझा-धनबाद एक्स्प्रेस पंद्रह मिनट रुकती है। मैने अपना पजामा-बण्डी बदल कर साहब का भेस धरा और अपने डिब्बे से उतरा। शाम के पौने सात बजे थे। अंधेरा हो गया था। कैमरे को क्लोज़-अप मोड में रखा, जिससे चित्र फ्लैश के साथ आ सकें। आज त्रयोदशी थी। अगले दिन पूर्णमासी।Continue reading “रायगड़ा”

कन्नन


कन्नन मेरे साथ चेन्नै में मेरे गाइड और सहायक दिये गये थे। छब्बीस और सताईस अक्तूबर को भारतीय रेलवे के सभी १६ जोनल रेलवे के चीफ माल यातायात प्रबंधकों की बैठक थी। उस बैठक के लिये उत्तर-मध्य रेलवे का मैं प्रतिनिधि था। मेरे स्थानीय सहायक थे श्री कन्नन। दक्षिण में भाषा की समस्या होती हैContinue reading “कन्नन”

मामल्लपुरम


दिनांक २८ अक्तूबर’२०१२:  पिछली बार मैं मामल्लपुरम् (महाबलीपुरम्) आया था सन् १९७९ में। तब यहां भीड़ नहीं थी। गिने चुने वाहन, लोग और दुकानें। कल यहां गया तो लगा मानो मद्रास यहीं चला आया हो। टूरिज्म का विस्फोट। पिछली बार एक लड़की मुझसे भीख मांग रही थी। बमुश्किल आठ नौ साल की रही होगी। कुछContinue reading “मामल्लपुरम”

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