जब (सन् 1984) मैने रेलवे सर्विस ज्वाइन की थी, तब रेलवे के यार्ड और स्टेशनों से ट्रेन चलने का डाटा इकठ्ठा करने के लिये ट्रेन्स क्लर्क दिन रात लगे रहते थे। एक मालगाड़ी यार्ड में आती थी तो वैगनों का नम्बर टेकर पैदल चल कर उनके नम्बर उतारता था। यार्ड के दफ्तर में हर आनेContinue reading “डाटा”
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प्रयाग फाटक का मोची
मैं उससे मिला नहीं हूं। पर अपने दफ्तर आते जाते नित्य उसे देखता हूं। प्रयाग स्टेशन से जब ट्रेन छूटती है तो इस फाटक से गुजर कर फाफामऊ जाती है। फाटक की इमारत से सटी जमीन पर चबूतरा बना कर वह बैठता है। सवेरे जाते समय कई बार वह नहीं बैठा होता है। शाम कोContinue reading “प्रयाग फाटक का मोची”
मोहिन्दर सिंह गुजराल
पर थे वे बड़े पक्के सरदार जी! जाते जाते मुझे कोने में बुला कर धीरे से बोले – काका (बच्चे), भौंरा के यार्ड में एक वैगन तीन महीने से पड़ा है, जरा देख लेना!
