निरालाजी के इलाहाबाद पर क्या गर्व करना?


मुझे एक सज्जन ने पूरे फख्र से मेरी पोस्ट पर टिप्पणी में कहा है कि वे निराला के इलाहाबाद के हैं. उसपर एक अन्य मित्र ने बेनाम टीप करते हुये निरालाजी की मन्सूर से तुलना की है – “अगर चढ़ता न सूली पर तो वो मन्सूर क्या होता”. निराला, जैसा मुझे मालूम है, इलाहाबाद मेंContinue reading “निरालाजी के इलाहाबाद पर क्या गर्व करना?”

मैं बैटरी वाली साइकल लूंगा!


टाटा की लखटकिया कार आयेगी तो मोटर साइकल वाले अपग्रेड हो कर सड़कें पाट देंगे. सडकें जब गलियों में तब्दील हो जायेंगी (जैसे कि अब नहीं हैं क्या?) तब पतली गली से निकलने को साइकल ही उपयुक्त होगी. अत: मेरा लेटेस्ट चिंतन है कि मैं बैटरी वाली साइकल लूंगा. इस बारे में मैने फाइनांस मिनिस्टरीContinue reading “मैं बैटरी वाली साइकल लूंगा!”

क्या आप मस्तिष्क की चोटों पर वेब साइट बनाने में भागीदारी करेंगे?


(भुसावल के पास सन २००० में भस्म हुये पंजाब मेल के डिब्बे) मैं ब्रेन-इन्जरी के एक भीषण मामले का सीधा गवाह रहा हूं. मेरा परिवार उस दुर्घटना की त्रासदी सन २००० से झेलता आ रहा है. मैं जिस दुर्घटना की बात कर रहा हूं, उसमें मेरा बेटा दुर्घटना ग्रस्त था. फरवरी १९’२००० में पंजाब मेलContinue reading “क्या आप मस्तिष्क की चोटों पर वेब साइट बनाने में भागीदारी करेंगे?”

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