भारत में चुनाव सम्पन्न हुये। मेरे दो स्वप्न पूरे हुये। पहला था कि कोई दल २०० से ऊपर सीटें ले पाये जिससे सतत ब्लैकमेलर्स का भय न रहे या कम हो। वह कांग्रेस पार्टी की अप्रत्याशित जीत ने पूरा कर दिया। सारे एग्जिटपोलिये अपने जख्म चाट रहे होंगे पर कोई खुले में स्वीकारता नहीं किContinue reading “चुनाव यात्रा और नत्तू पांड़े”
Category Archives: विविध
लेट आये मदर्स डे पर
यात्रा पर होने के कारण कमजोर नेट कनेक्शन के चलते मैं लोगों की पोस्टें पढ़ भर पाया हूं। गूगल रीडर में डाउनलोड कर ऑफलाइन पढ़ी हैं। बहुत सी मदर्स डे पर हैं। मदर्स डे पर आज कहने के लिये मेरे पास भी है। यह है मेरी बिटिया वाणी पाण्डेय की अपने इकलौते १२ घण्टे केContinue reading “लेट आये मदर्स डे पर”
बकरी के बच्चे
बड़े प्यारे बकरी के बच्चे (मेमने) दिखे। यूं तो बकरी क्या, सूअर के बच्चे भी प्यारे लगते हैं। पर बकरी में एक निरीहता होती है जो हमें मन और आत्मा से ट्यून करती है। बचपन में कहानी सुनते थे – बकरी और उसके तीन बच्चों की। बकरी बच्चों को अपने घर में टटरी (खपच्ची काContinue reading “बकरी के बच्चे”
