नवम्बर २’२०१२ वे तीन थे। एक अधेड़। तहमद पहने और उसे पानी से बचाने के लिये आधा उलटे हुये। ऊपर पूरी बांह का स्वेटर पहने। एक जवान – कमीज-पतलून में। एक किशोर होता बच्चा – वह भी कमीज पतलून पहने था। दोनो ने पतलून पानी से बचने ऊपर चढ़ा रखी थी। उनके पास एक नावContinue reading “उसमें जिन्दा है मछली अभी भी”
Category Archives: शिवकुटी
गंगा किनारे चेल्हा के लिये मशक्कत
बारिश का मौसम बीतने के बाद गंगा सिकुड़ी हैं। उससे पानी उथला हो गया है गंगा किनारे। चेल्हा मछली इस समय किनारे मिलती है। मछेरे उसके लिये जाल डालते हैं, सवेरे सवेरे। मैं जब पंहुचा किनारे पर तो सवेरे के छ बज चुके थे। इस मौसम के हिसाब से कोहरा घना था। मछेरा जाल निकालContinue reading “गंगा किनारे चेल्हा के लिये मशक्कत”
कल्लू की प्लानिंग
कछार में घूमते पीछे से नमस्कार की आवाज आयी तो देखा कल्लू था। अपने सफेद छोटी साइज वाले कुत्ते के साथ चला आ रहा था। वह शायद मुझे अपने परिवेश से बाहर का ऐसा व्यक्ति मानता है, जिसको अपनी गतिविधियां बेलाग तरीके से बता सकता है। आज भी वह इसी मूड में दिख रहा था।Continue reading “कल्लू की प्लानिंग”
