कछार में घूमते पीछे से नमस्कार की आवाज आयी तो देखा कल्लू था। अपने सफेद छोटी साइज वाले कुत्ते के साथ चला आ रहा था। वह शायद मुझे अपने परिवेश से बाहर का ऐसा व्यक्ति मानता है, जिसको अपनी गतिविधियां बेलाग तरीके से बता सकता है। आज भी वह इसी मूड में दिख रहा था।
“अब सब्जियां बोने का सीजन शुरू होने जा रहा है?” मेरे इतना ही पूछने/कहने की जरूरत थी। उसने बताना प्रारम्भ कर दिया।
हां, दस पन्द्रह दिन में सब्जियां बोने के लिये खुदाई प्रारम्भ हो जायेगी। इस साल कुम्भ है, इस लिये खेती करने को कम ही जमीन मिल पायेगी। अभी सभी असमंजस में हैं कि कितनी जगह पर बोयें। फिर भी सब ने जमीन पर हक जमाने के लिये अपनी लकड़ी गाड़ कर चिन्ह बनाना शुरू कर दिया है, पर अन्त में मेला वाले जितना जगह छोड़ने को कहेंगे, उसके अनुसार छोड़ना ही होगा।

अभी तो ऊपर उस करार पर मैने धान बो रखा है। वहां काम चलता रहता है। – कल्लू ने उस दिशा में इशारा कर मुझे बताया।
इस साल गेंदे की खेती करने की सोची है। बड़े साइज वाला गेंदा। नर्सरी तैयार कर ली है। छोटा साइज वाला भी बोने का मन था, पर उसका बेहन (बीज) ही नहीं मिला। इस साल कुम्भ मेला है, सो फूल की अच्छी बिक्री होगी। जीनिया के पौधों का भी ढाई सौ रुपये का बेहन लाया था, पर वह बारिश में गल गया।
इस पार जमीन मिले न मिले, इसलिये गंगा उस पार हजार रुपया बीघा पर पांच बीघा कछार की जमीन सीजन के लिये किसान से ली है, मैने। उसमें परवल बोया है। इस साल उस पार ज्यादा काम रहेगा।
अब इस साल बहन की शादी करनी है। पैसे तो चाहिये ही। काम करना ही है। तभी तो पैसे आयेंगे।
मेरे पास ज्यादा समय नहीं था, कल्लू को सुनने के लिये। घर वापस लौट कर ट्रेन हांकने का काम प्रारम्भ करना था। अन्यथा कल्लू अपनी इस सीजन की प्लानिंग की इण्ट्रीकेसीज़ बताने को आतुर ही लग रहा था।
कल्लू के विषय में पहले की पोस्टें –
कल्लू का बिजूका
गंगा के पानी की पम्पिंग कर सिंचाई
कल्लू ने मटर बोई है!
कल्लू के उद्यम
कल्लू से आगे आदान प्रदान होता रहेगा। इस ब्लॉग पर आपको उसकी जानकारी मिलती रहेगी। 😆
“अन्यथा कल्लू अपनी इस सीजन की प्लानिंग की इण्ट्रीकेसीज़ बताने को आतुर ही लग रहा था।” 😀
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कल्लू को अपन की भी शुभकामनायें।
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कल्लू को अपन की भी शुभकामनायें।
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कभी उसकी मार्केटिंग प्लानिंग के बारे में बात कीजिये.. शायद उस क्षेत्र में भी कभी एफ.डी.आई. का स्कोप निकल आये!!
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कल्लू को शुभकामनायें , इसको आपने काफी लोकप्रिय बना दिया है ! राजनीति के बारे में सिखाइये, कछार का प्रधान तो बन ही जाएगा !
🙂
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कल्लू अपने उद्यम में सफल हो.
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सच है, काम तो करना ही होगा कल्लू को।
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mudra-prabandhan hetu kallu ka prakritik formula sarkar ko samjhni chahiye……en-ve-hi FDI ka
bhart-natyam karva rahi hai……..
pranam.
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काफी-कुछ ऐसा है कल्लू के पास जिससे सीखा जा सकता है।
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