बाल पण्डितों का श्रम


शिवकुटी में गंगा तीर पर सिसोदिया की एक पुरानी कोठी है। उसमें चलता है एक संस्कृत विद्यालय। छोटे-बड़े सब तरह के बालक सिर घुटा कर लम्बी और मोटी शिखा रखे दीखते हैं वहां। यहां के सेमी-अर्बन/कस्बाई माहौल से कुछ अलग विशिष्टता लिये। उनके विद्यालय से लगभग 100 मीटर दूर हनूमान जी के मन्दिर के पासContinue reading “बाल पण्डितों का श्रम”

गंगा के पानी की पम्पिंग कर सिंचाई


गंगाजी की रेती के कछार में लोग नेनुआ, लौकी, कोंहड़ा, तरबूज, खीरा और ककड़ी की खेती करते हैं। यह काम दीपावली के बाद शुरू होता है। इस समय यह गतिविधि अपने चरम पर है। आप इस विषय में कई पहले की पोस्टें गंगा वर्गीकरण पर खंगाल सकते हैं। मैने पिछली पोस्ट में बताया था  किContinue reading “गंगा के पानी की पम्पिंग कर सिंचाई”

शिवकुटी, नारायणी आश्रम और राणा का इतिहास खण्ड


मैने कभी नहीं सोचा कि मैं इतिहास पर लिखूंगा। स्कूल के समय के बाद इतिहास बतौर एक डिसिप्लिन कभी देखा-पढ़ा नहीं। पर यहां इलाहाबाद के जिस शिवकुटी क्षेत्र में रहता हूं – गंगा के तट पर कोई चार-पांच सौ एकड़ का इलाका; वहां मुझे लगता है कि बहुत इतिहास बिखरा पड़ा है। बहुत कुछ कोContinue reading “शिवकुटी, नारायणी आश्रम और राणा का इतिहास खण्ड”

Design a site like this with WordPress.com
Get started